Monday 7 April 2008

11'09"01 - September 11 (बहुभाषीय फ़िल्म)

11'09"01 - September 11 (बहुभाषीय फ़िल्म)
ग्यारह अंतर्राष्ट्रीय फिल्मकारों को Alain Brigand (फ्रांसीसी प्रोड्यूसर) ने ११ सितम्बर २००१ के आतंकवादी हमले पर फ़िल्म बनाने के लिए कहा। इस फ़िल्म में सारी कलात्मक स्वतंत्रा दी गई सिवाय इसके कि हर फिल्म 11 मिनट ९ सेकंड और एक फ्रेम की होगी। यह फिल्मों का गुलदस्ता कुछ अनछुई भौगोलिक, सांस्कृतिक और कलात्मक परिपेक्ष्य ले के आता है सितम्बर ११ के घटना को ले कर। हर फ़िल्म अपने आप में एक प्रतिसाद है - राजनितिक, वैश्लेषिक या कलात्मक। 11'09”01 शायद बुरी तरह से पिट जाती है इस घटना को saapekhon को या उसके बाद के परिदृश्यों को उजाघर करने में। पर, कम से कम एक संवाद बनाने की कोशिश की गई. कुछ ११ नामी गिरामी फिल्मकारों ने पश्चिमी मीडिया के आक्रामकता को चुनौती दी है और थोड़ा भोथा जरूर किया है. फिल्में क्वालिटी और विषयवस्तु में बहुत भिन्न हैं. दो फिल्में अमेरिका के अन्य आतंकी सहभागिता का हवाला देती हैं. दो फिल्मों में दो और पुरानी ऐसी ही घटना की चर्चा है.
1) इरान - समीर मख्माल्बफ़ की इरानी सेगमेंट में एक शिक्षिका इरान के एक रिफ्यूजी कैंप में बच्चों का स्कूल चलाती है. वहाँ के वयस्क इस घटना के बाद अमेरिकी हमले की आशंका में है पर बच्चे इन सब से दूर अपने सरलता में मग्न हैं. शिक्षिका दो मिनट का मौन करवाती है इस घटना को लेकर पर बच्चे अपने को is घटना से आत्मसात नहीं कर पाते हैं. उनकी दुनिया बस उसी कैंप के दुखदायक घटना पर है. शिक्षिका बच्चों को ईट्ट भट्ठा की चिमनी को उपर दिखाती है. और बच्चों को समझती है की टॉवर क्या है और उसका गिरना क्या है?
एक शब्द - फ्रेश.

2) फ्रेंच - Claude Lelouch की फ्रेंच सेगमेंट मुझे सबसे बेवकूफी पूर्ण और अगंभीर लगी। इस फ़िल्म ने इस घटना के चारों तरफ़ एक रोमांटिक गल्प खड़ा करके, इस त्रासदी और फ़िल्म के अन्य राजनितिक निष्कर्ष कम करने की कोशिश की है. फ़िर भी, यह एक कहानी है - मूक फ्रांसीसी लड़की और उसके अमेरिकी बॉयफ्रेंड के बीच की प्यार-तकरार की. इस घटना को पृष्ठभूमि में लेकर. पर इस फ़िल्म में टीवी के रोल को रेखांकित करने की कोशिश जरूर दिखी है.
एक शब्द - बेकार

3) Egypt (मिश्र) - Yousseff Chahine की इस सेगमेंट में एक फ़िल्म डायरेक्टर बिना किसी जरूरी अनुमति के WTC टॉवर के पास से पुलिस द्वारा भगा दिया जाता है। अगले दिन मीडिया के सवालों से कैसे दूर रखता है। फ़िर इतिहास के उन पन्नों को खंघाने की कोशिश होती है की क्यों बेरुत में ४०० अमेरिकी पर हमला कर १९८५ में को मारा गया. यह फ़िल्म के तरफ़ अमेरिकी आतंक और दूसरी तरफ़ दुनिया में उसके प्रतिरोध को दिखाती है.
एक शब्द - महत्वाकांक्षी

4) बोस्निया - Danis Tanovic की यह सेगमेंट संवाद के लिहाज से सबसे आगे है। यह कहानी सबसे ज्यादा सोचने पर मजबूर करती है. यह कहानी का आधार है -१९९५ में बोस्निया में हुए सर्ब हमलों में मुस्लिमों पर हुए अत्याचार है. एक तीस साल रेडियो पर खबरें सुन कर अपने छोटे गाँव के मुख्य चौक की तरफ़ जाती है. वह के अपांग पुरूष से मिलती है जो शायद गाँव का अकेला मर्द है. वह कहता है - आज ज्यादा महिलाएं नही आएगी उसकी मासिक यादगार सभा में. क्यूंकि हर कोई समाचार सुनने में लगा हुआ होगा. हर महीने के ११ तारीख को इस गाँव की महिला ११-जुलाई-१९९५ को हुए घटना की याद में मानती हैं. वो कहती है की टीवी न्यूज़ वाले इस घटना के बाद उसकी सम्वेंदा समझने आयेंगे. वह ग़लत है, कोई टीवी वाला नही आता है पर वो महिलाएं अपना मार्च करतीं हैं.
एक शब्द - तीक्ष्ण

5) बुर्किना-फासो - Idrissa Ouedrago की यह सेगमेंट को अगर सबसे मीठा कहें तो कुछ ग़लत नही है। इस कहानी में वयस्कों की कोई जगह नही है। एक गरीब लड़का एक पुराने छोटे से बाज़ार में रेडियो पर समाचार सुनता है कि २५ मिलियन डॉलर का इनाम मिलेगा जो ओसमा बिन लादेन को पकड़वाने के लिए सूचना देगा. उसकी माँ बीमार है और उसके इलाज के लिए पैसा चाहिए. यह लड़का एक अबर मुस्लिम को बाज़ार में देखता है जो ओसामा जैसा दिखता है. वह और उसके और स्कूली साथी उस ओसामा की विडियो फ़िल्म बनाने में लग जाते हैं ताकि उसको पकड़वाया जा सके और इनाम की रकम से माँ के इलाज के साथ कुछ अच्छे कार्य किए जा सके. ये लड़के ओसामा का पीछा करते हुए एअरपोर्ट तक आ जाते हैं जहाँ ओसामा flight पकड़ रहा होता है. पुलिस वाले को वह सबूत दिखाने की कोशिश करते हैं ... पर...
एक शब्द - मीठा-खट्टा

6) ब्रिटेन - Ken Loach के इस सेगमेंट में एक और ११ सितम्बर को जिलाने की कोशिश की गई है। यह है १९७३ का ११ सितम्बर। उस दिन, General Augusto Pinochet (चिली के तानाशाह), सीआईए की मदद से चिली की सत्ता हथिया लेता है. और उसकी सत्ता में दो दशको तक खूनी खेल खेला जाता है जिसका मकशाद है - समाजवादी और लोकतांत्रिक लोगों का खात्मा. इस फ़िल्म में B&W/कलर में बखूबी documentry की शक्ल में एक Vladimir Vega के अनुभवों को दोस्तों को लिखे जा रहे है पत्र में पेश किया गया है. Vladimir Vega अभी भी देश से बाहर रह रहा है उस समय की घटनाओ से आज तक आहत है. काफी हद तक इसको एक पॉलिटिकल फ़िल्म कह सकते हैं.
एक शब्द - भिन्न

7) मेक्सिको - Alejandro Gonzalez Inarrito की यह सेगमेंट सबसे गूढ़ है। यह फ़िल्म सबसे ज्यादा क्रिएटिव है. इस फ़िल्म में मूलत: साउंड इम्प्रेशन और हाईजैक विमान से हुए फ़ोन से काले स्क्रीन पर आ जाती है. अंत के समय स्क्रीन थोड़ा खुलता है और WTC टॉवर से गिरते लोग और गिरती इमारत दिखाती है. अंत में अरबी में एक सवाल आता है - "Does God's Light blind us or guide us?" (आध्यात्म/ धर्म की रौशनी हमे आगे बढाती है या अँधा बनती है?).साउंड इम्प्रेशन और मिक्सिंग बिना कहानी के भी और विसुअल के भी बहुत कुछ कह जाती है.
एक शब्द - क्रिएटिव

8) इसराइल - Amos Gitai के इस सेगमेंट में तेल अवीव के एक आम दिन एक टीवी रिपोर्टर की बीट पर एक धमाका होता है। यह एक अनंक्वादी हमला है. यह इस रिपोर्टर के लिए एक बहुत अच्छा मौका है अपने को दिखाने का. वह सरे लोगों को और भीड़ में धक्का मुक्की करके घटना को टीवी के लिए कवर करने की कोशिश करती है. पर, उसी समय WTC की घटना हो जाती है. यह फ़िल्म कभी तो स्वाधीन लगती है और बेतुकी लगती है. समझ में नहीं आता है की इसराइल की समस्या बड़ी है या क्या दिखाने की कोशिश की है. फ़िर कुछ सोचने पर लगता है कि यह एक बढिया Satire है. एक दुखद घटना का भी टीवी रिपोर्टर के एक स्टोरी से ज्यादा कुछ नही है. हम अपने से आगे कुछ सोच नही पाते है.
एक शब्द - satire

9) भारत -- Mira Nair की यह सेगमेंट एक सच्ची कहानी पर आधारित है। एक मुस्लिम पाकिस्तानी माँ का बेटा अपने काम पर जाते समय गायब हो जाता है. और वह दिन है ११ सितम्बर २००१. जगह - न्यू यार्क का मिडिल क्लास इलाका. पहले तो पडोसियों से सहानभूति मिलती है. बाद में FBI आकर परिवार वालों से पूछ ताछ करती है और मिडिया उसको आतंकवादी घोषित कर देता है. बाद में मालूम चलता है - उस लड़के ने WTC टॉवर से लोगों को निकलने में अपनी जान गँवा दी. यह फ़िल्म कोई भी एक्सपेरिमेंट नही है... कहानी भी काफी जानी पहचानी है. इससे लोकल aftermath की एक कहानी की तरह देखा जा सकता है.
एक शब्द - श्रधांजलि

10) अमेरिका -- Sean Penn की यह सेगमेंट सबसे आउट-ऑफ़-टच लगी। पर इससे एक fallacy के रिलेशन में भी देखा जा सकता है। एक बुड्डा अकेला आदमी WTC की परछाई में अपने फ्लैट में रह रहा होता है. वह आदमी अब भी यही सोचता है की उसकी बीवी उसके साथ है. और उससे बेद पर बतियाता रहता है अपने अंधेरे से कमरे और बेड पर. टॉवर का गिरना उसके घर को रौशन करता है और सच्चाई में लता है.
एक शब्द - निराशाजनक

11) जापान - Shohei Imamura की इस सेगमेंट में त्रासदी का एक और रंग दिखाया गया है। एक बारगी लगता है इसका क्या रिश्ता है ११ सितम्बर से. १९४५ में एक जापानी सैनिक एक बाड़े में बंद कर के रखा गया है. युद्ध में वुर मानसिक रूप से बीमार हो जाता है और ख़ुद को सांप समझने लगता है. यहाँ तक की बना बनाया खाना खाने के बदले चूहा पकड़ के खाने लगता है. गाँव के मुर्गे मुर्गियों को खाने लगता है. गाँव के लोग उसको और परिवार को अपमानित करते हैं. एक दिन वह गायब हो जाता है. और उसकी बीवी गायब होते हुए देखती रह जाती है. अंत में स्क्रीन पर आता है - "There is no such thing as a Holy War." (धर्मयुद्ध कुछ नहीं होता है)
एक शब्द - कमेंट

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